पटना: बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने फर्जी CBI अधिकारियों के एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। तीन आरोपियों—रीतन कुमार सिंह, अरविंद कुमार और नीतीश कुमार—को शनिवार को शहर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया। ये आरोपी खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमकाकर जबरन वसूली करते थे।
पटना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक गैंग फर्जी CBI अधिकारी बनकर लोगों से पैसे ऐंठ रहा है। जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों को धर दबोचा। आरोपियों के पास से दो पिस्तौल, एक कट्टा, तीन कारतूस, छह मोबाइल फोन, सेना की वर्दी, CBI का फर्जी पहचान पत्र और लूट में इस्तेमाल बाइक बरामद की गई।
पुलिस के अनुसार, गैंग का सरगना अरविंद कुमार पहले रंगदारी और आर्म्स एक्ट के मामले में जेल जा चुका है। उसने जेल में रहते हुए वेब सीरीज से प्रेरित होकर इस फर्जी CBI टीम की योजना बनाई। गिरोह ने SK पुरी थाना क्षेत्र में एक सेल्समैन से 17,000 रुपये लूटे, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
आरोपियों पर लूट, डकैती और ठगी के कई मामले दर्ज हैं। पटना पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में गैंग की संगठित कार्यप्रणाली का खुलासा हुआ है। एक अन्य आरोपी, संतोष पासवान, फरार है, जिसकी तलाश में छापेमारी जारी है।
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह हथियारों के बल पर लूटपाट करता था और CBI अधिकारी बनकर पुलिसकर्मियों को भी धमकाता था। यह कार्रवाई बिहार में बढ़ते फर्जीवाड़े के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है।
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