नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ खाता ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल करते हुए नए नियम लागू किए हैं, जिससे करीब 7 करोड़ सदस्यों को बड़ी राहत मिलेगी। अब नौकरी बदलने पर कर्मचारियों को पुराने या नए नियोक्ता से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
स्वचालित ट्रांसफर प्रक्रिया
EPFO ने फॉर्म-13 के तहत नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो पुरानी कंपनी से ट्रांसफर क्लेम को स्वचालित रूप से स्वीकृत करता है। इससे पीएफ बैलेंस बिना देरी के नए खाते में ट्रांसफर होगा। इस सुविधा से हर साल 1.25 करोड़ सदस्य लाभान्वित होंगे, और लगभग 90,000 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित होगी। पहले, दोनों नियोक्ताओं से मंजूरी लेना अनिवार्य था, जिससे प्रक्रिया जटिल थी।
टैक्स और UAN में सुधार
EPFO ने पीएफ डिपॉजिट को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल हिस्सों में बांटने की सुविधा शुरू की है, जिससे TDS गणना आसान होगी। साथ ही, एक साथ कई यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जनरेट करने की सुविधा दी गई है। सुरक्षा के लिए, ये UAN आधार सत्यापन तक निलंबित रहेंगे।
कर्मचारियों को मिलेगी सहूलियत
EPFO ने कहा कि ये बदलाव लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को दूर करेंगे और पीएफ ट्रांसफर को तेज व पारदर्शी बनाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कर्मचारियों के वित्तीय प्रबंधन को सरल बनाएगा। कर्मचारियों से अपील की गई है कि वे आधार और बैंक विवरण अपडेट रखें। यह कदम EPFO की डिजिटल सेवाओं को और मजबूत करेगा।