नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग तेज, फिर से संविधान संशोधन की उठी आवाज

काठमांडू: नेपाल में हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग लगातार तेज होती जा रही है। विभिन्न धार्मिक संगठनों, संतों और राजनीतिक दलों ने नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए आंदोलन छेड़ दिया है।

राजशाही खत्म होने के बाद धर्मनिरपेक्ष बना नेपाल

2008 में नेपाल में राजशाही की समाप्ति के बाद इसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया गया था। लेकिन हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में लोग इसे दोबारा हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं।

संविधान संशोधन की उठी मांग

कई संगठनों ने नेपाल सरकार से संविधान संशोधन की मांग की है, ताकि देश की हिंदू पहचान को फिर से स्थापित किया जा सके।

पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का समर्थन

पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह भी कई मौकों पर हिंदू राष्ट्र की बहाली के पक्ष में बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि नेपाल की संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए यह जरूरी है।

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राजनीतिक अस्थिरता के बीच मुद्दा गरमाया

नेपाल में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और बाहरी प्रभाव के कारण यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। हिंदू संगठनों का दावा है कि नेपाल की बहुसंख्यक हिंदू आबादी की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए।

सरकार और विपक्ष में मतभेद

सरकार और विपक्षी दलों में इस मुद्दे पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं, जबकि कुछ नेताओं का मानना है कि यह जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है, जिस पर गहन चर्चा की जरूरत है।

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क्या नेपाल दोबारा बनेगा हिंदू राष्ट्र?

नेपाल में हिंदू राष्ट्र की बढ़ती मांग के बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या संविधान में कोई बदलाव किया जाएगा

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