नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक विशेष अभियान में बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने वाले अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में 6 बांग्लादेशी नागरिक, 5 भारतीय सहयोगी और चेन्नई से 33 अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए। गैंग का सरगना चांद मियां, जो स्वयं बांग्लादेशी है और 5 साल की उम्र से भारत में अवैध रूप से रह रहा था, विजयवाड़ा से पकड़ा गया।
फर्जी दस्तावेजों का जाल
पुलिस ने आरोपियों से 11 फर्जी आधार कार्ड, 2 बांग्लादेशी दस्तावेज, एक कंप्यूटर, 4 हार्ड डिस्क, कलर प्रिंटर, फिंगरप्रिंट स्कैनर, 8 मोबाइल फोन, सिम कार्ड और 20,000 रुपये बरामद किए। गैंग पश्चिम बंगाल, मेघालय और बेनापोल सीमा के रास्ते घुसपैठ करवाता था, फिर फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाकर दिल्ली, चेन्नई, बैंगलोर जैसे शहरों में मजदूरी, कूड़ा बीनने और कबाड़ का काम दिलवाता था।
कैसे हुआ खुलासा?
12 मार्च 2025 को तैमूर नगर में असलम उर्फ मसूम नामक बांग्लादेशी नागरिक की मौजूदगी की सूचना मिली। पूछताछ में उसने नोआखाली, बांग्लादेश का निवासी होना स्वीकार किया। उसके सुरागों से पुलिस चांद मियां तक पहुंची, जिसे 8 अन्य बांग्लादेशियों के साथ ट्रेन से भारत लाते समय पकड़ा गया।
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100 और घुसपैठिए रडार पर
पुलिस के अनुसार, चांद मियां हर दो महीने में 6-8 बांग्लादेशियों को भारत लाता था। वर्तमान में 100 से अधिक अवैध बांग्लादेशी पुलिस की निगरानी में हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार करने की योजना है। जांच में अन्य राज्यों की पुलिस भी सहयोग कर रही है।