उदयपुर : राजस्थान के चर्चित कन्हैया लाल टेलर हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज से पहले विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 11 जुलाई 2025 को रिलीज होने वाली इस फिल्म के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमाअत-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी विरोध जताया है। महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए फिल्म पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उनका दावा है कि यह फिल्म सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकती है और कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकती है।
अबू आजमी का बयान
महाराष्ट्र के गोवंडी से विधायक और भिवंडी में सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने विधानसभा में ‘उदयपुर फाइल्स’ पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “यह फिल्म नफरत फैलाने का एक सुनियोजित प्रयास है। इसके रिलीज होने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है। सरकार को तत्काल इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।” आजमी ने यह भी मांग की कि फिल्म के ट्रेलर को सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से हटाया जाए, क्योंकि यह कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री से भरा हुआ है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म का ट्रेलर, जो 26 जून 2025 को रिलीज हुआ था, एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है और सांप्रदायिक तनाव को भड़काने की क्षमता रखता है। याचिका में कहा गया है, “फिल्म में कोर्ट के दृश्य, एक मौजूदा मुख्यमंत्री के पक्षपातपूर्ण बयान, और नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान का उल्लेख है, जिसके कारण 2022 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। यह फिल्म सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है।” इसके अलावा, जमीयत ने दिल्ली, महाराष्ट्र, और गुजरात हाई कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें फिल्म के प्रमाणन को रद्द करने और ट्रेलर को डिजिटल प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा मामला
कन्हैया लाल हत्याकांड के एक आरोपी, मोहम्मद जावेद, ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। जावेद का तर्क है कि फिल्म का कथानक और ट्रेलर उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण है और इससे उनकी निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार प्रभावित हो सकता है। याचिका में कहा गया है, “फिल्म में घटनाओं को सत्य के रूप में दिखाया गया है, जो चल रही न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।” हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई को इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा, “फिल्म को रिलीज होने दें।” कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 14 जुलाई को संबंधित बेंच के सामने याचिका पेश करने को कहा।
फिल्म का विवरण
‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ 28 जून 2022 को उदयपुर में हुए कन्हैया लाल साहू की निर्मम हत्या पर आधारित है। कन्हैया लाल, एक हिंदू दर्जी, की दो व्यक्तियों, मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद, ने दुकान में घुसकर चाकू से हत्या कर दी थी। हत्यारों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह हत्या पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के समर्थन में कन्हैया लाल के सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में की गई थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है, और 11 आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप तय किए गए हैं।
फिल्म का निर्देशन भरत श्रीनाते ने किया है और इसमें विजय राज, राजनीश दुग्गल, प्रीति झंगियानी, कमलेश सावंत, कांची सिंह, और मुश्ताक खान जैसे कलाकार हैं। निर्माता अमित जानी के अनुसार, फिल्म इस हत्याकांड की सच्चाई और इसके पीछे की विचारधारा को उजागर करती है। हालांकि, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने फिल्म में 150 कटौतियां की हैं।
विरोध और समर्थन
फिल्म को लेकर जहां कुछ संगठन और व्यक्ति इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं, वहीं कन्हैया लाल के परिवार और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसका समर्थन किया है। कन्हैया लाल के बेटे यश तेली ने फिल्म का समर्थन करते हुए कहा, “यह फिल्म मेरे पिता की हत्या की सच्चाई को सामने लाएगी।” VHP ने जमीयत के विरोध को “पाखंड” करार दिया और कहा कि यह फिल्म आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाएगी।
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