लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1962 के बाद पहली बार राज्य के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट्स के गठन का ऐतिहासिक फैसला लिया है। गुरुवार देर रात जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, जिलाधिकारियों (DMs) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह कदम भारत-पाक तनाव और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
सिविल डिफेंस का विस्तार
1962 में यूपी के 15 शहरों में सिविल डिफेंस की स्थापना हुई थी, जिसे 2015 में 9 और जिलों तक विस्तारित किया गया। अब, 29 मई 2025 को राज्यपाल की अधिसूचना के बाद 49 और जिलों को शामिल कर सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस लागू होगा। यह प्रणाली आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगी।
डीएम की भूमिका
नोटिफिकेशन के तहत, प्रत्येक जिले में सिविल डिफेंस के लिए पद सृजन और भर्ती की प्रक्रिया DMs के नेतृत्व में होगी। DMs स्थानीय स्तर पर यूनिट्स की स्थापना, प्रशिक्षण, और संचालन की निगरानी करेंगे। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
सिविल डिफेंस के उद्देश्य
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नागरिक सुरक्षा: आपातकाल में लोगों और संपत्ति की रक्षा।
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नुकसान न्यूनीकरण: प्राकृतिक या मानव-निर्मित आपदाओं के प्रभाव को कम करना।
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मनोबल बढ़ाना: नागरिकों में एकजुटता और सुरक्षा की भावना को प्रोत्साहन।
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जागरूकता: आपदा तैयारियों के लिए प्रशिक्षण और जन-जागरूकता।
प्रासंगिकता और प्रभाव
हाल के भारत-पाक तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह निर्णय आपदा प्रबंधन और आंतरिक सुरक्षा को बढ़ावा देगा। यह यूपी को आपातकालीन तैयारियों में अग्रणी बना सकता है।