बीजिंग: चीन ने अमेरिका के साथ टैरिफ पर समझौते के लिए बातचीत की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “चीन और अमेरिका टैरिफ पर कोई परामर्श या बातचीत नहीं कर रहे, न ही किसी समझौते पर पहुंच रहे हैं। ऐसी खबरों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन की स्थिति “सुसंगत और स्पष्ट” है और टैरिफ युद्ध अमेरिका ने शुरू किया था।
चीन का रुख: ‘लड़ने को तैयार, बातचीत के लिए दरवाजे खुले’
गुओ ने कहा, “यदि जरूरी हुआ तो हम लड़ेंगे। अगर अमेरिका बातचीत चाहता है, तो हमारे दरवाजे खुले हैं, लेकिन यह समानता, सम्मान और आपसी लाभ पर आधारित होनी चाहिए।” वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता हे याडोंग ने भी ऐसी खबरों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आवाज सुननी चाहिए, चीन पर एकतरफा टैरिफ हटाने चाहिए और समान बातचीत से समाधान निकालना चाहिए।”
अमेरिकी टैरिफ और ट्रम्प का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में चीनी आयात पर 145% तक टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जबकि चीन ने जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी आयात पर 125% शुल्क लगाया। व्हाइट हाउस ने 17 अप्रैल को दावा किया कि चीन अब 245% टैरिफ का सामना कर रहा है। हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, ट्रम्प ने संकेत दिया कि बीजिंग के अधिकारी टैरिफ पर चर्चा के लिए वाशिंगटन से संपर्क में हैं। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने निवेशकों से कहा कि मौजूदा टैरिफ स्तर (145% और 125%) टिकाऊ नहीं हैं और जल्द ही कमी की उम्मीद है।
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चीन पर दबाव, भारत को राहत
ट्रम्प ने भारत सहित अन्य देशों पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है, जिससे चीन वैश्विक व्यापार में अलग-थलग पड़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ युद्ध वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। चीन ने संवाद के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन एकतरफा शर्तों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। (PTI)