Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। मंगलवार को 8 इनामी नक्सलियों सहित कुल 14 नक्सलियों ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 5 महिला नक्सली भी शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण केंद्र और राज्य सरकार की नक्सल विरोधी नीतियों और पुनर्वास योजनाओं का परिणाम माना जा रहा है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में कुहरम भीमा (37), तेलाम हिड़मा (35), माड़वी पोज्जे (30), पोड़ियाम आयते (20), माड़वी मंगड़ी (30), सोड़ी सोना (33), मड़कम हुंगी (25) और रवा लख्खे (35) शामिल हैं, जिन पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था। बाकी छह नक्सलियों की पहचान अन्य नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के लिए की गई है।
आत्मसमर्पण का कारण
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’ और सुकमा पुलिस की ‘नियद नेल्लानार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। इसके अलावा, नक्सली संगठनों की अमानवीय विचारधारा और शोषण से तंग आकर इन्होंने हथियार डालने का फैसला किया।
प्रोत्साहन और पुनर्वास
आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025’ के तहत 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि और कपड़े प्रदान किए गए। पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों को रोजगार प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी ताकि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
नक्सलवाद के खिलाफ अभियान
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज है। 2024 में 143 नक्सली मारे गए, 766 गिरफ्तार हुए और 812 ने आत्मसमर्पण किया। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चौहान ने कहा, “यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खिलाफ हमारी रणनीति की सफलता है। हम नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”