बलरामपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के मामले में रोज नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यूपी एटीएस की जांच में पता चला है कि छांगुर अपनी आलीशान कोठी में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाकर जाकिर नाईक और अन्य कट्टरपंथी मौलानाओं के वीडियो दिखाता था, जिनके जरिए युवाओं का ब्रेनवाश किया जाता था।
कोठी में तीन घंटे का शो, हिंदू देवी-देवताओं का अपमान
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, छांगुर ने अपनी कोठी में कई गुप्त कमरे बनवाए थे, जहां हिंदू लड़कियों और युवाओं को रखा जाता था। इन कमरों में बड़ी एलईडी स्क्रीन लगी थीं, जिन पर पेन ड्राइव के जरिए जाकिर नाईक और अन्य मौलानाओं की तकरीरों के तीन-तीन घंटे के शो चलाए जाते थे। इन वीडियो के बाद छांगुर स्वयं युवाओं की “क्लास” लेता था, जिसमें वह हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करता और मूर्तिपूजा को “पाखंड” बताकर इस्लाम अपनाने के लिए उकसाता था। वह युवाओं को लखपति-करोड़पति बनाने, विदेश ले जाने और नौकरी दिलाने का लालच देता था।
ब्लैकमेलिंग और ड्रग्स का इस्तेमाल
छांगुर का नेटवर्क विशेष रूप से हिंदू लड़कियों को निशाना बनाता था। यदि कोई लड़की धर्मांतरण का विरोध करती थी, तो उसे ड्रग्स देकर आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाते थे, जिनका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए किया जाता था। इसके बाद जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता था। कई पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें निकाह के लिए मजबूर किया गया और ब्लैकमेलिंग के डर से वे चुप रहने को बाध्य थीं। एक पीड़िता ने कहा, “मैंने कभी इनका इस्लाम स्वीकार नहीं किया,” लेकिन डर के कारण उन्हें धर्म बदलना पड़ा।
विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर के रैकेट को पाकिस्तान, यूएई, तुर्की, और सऊदी अरब जैसे देशों से भारी फंडिंग मिल रही थी। उसके 40 बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है, जिसमें पांच विदेशी खाते यूएई में हैं। जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) और प्रतिबंधित संगठनों जैसे सिमी और PFI की भी इस रैकेट में संलिप्तता सामने आई है।
नेपाल तक फैला नेटवर्क
छांगुर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था। यह भारत-नेपाल सीमा पार कोइलाबास जैसे इलाकों तक फैला था, जहां हिंदू लड़कियों को फंसाकर उनका धर्मांतरण कराया जाता था। कुछ मामलों में लड़कियों को गायब करने और उनकी हत्या तक की बात सामने आई है। छांगुर ने कोडवर्ड जैसे “प्रोजेक्ट” (लड़कियां), “काजल करना” (ब्रेनवाश), और “मिट्टी पलटना” (धर्मांतरण) का इस्तेमाल कर अपने नेटवर्क को गोपनीय रखा।
यूपी एटीएस ने की कार्रवाई
यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया है। बलरामपुर में उसकी 40 कमरों वाली आलीशान कोठी, जो सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी, को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। ईडी ने यूपी और मुंबई में छापेमारी कर छांगुर के वित्तीय लेनदेन की जांच तेज कर दी है।
छांगुर का दावा: “मैं निर्दोष हूं”
पुलिस कस्टडी में छांगुर बाबा ने दावा किया है कि वह निर्दोष है और उसे कुछ नहीं पता। हालांकि, जांच एजेंसियों के पास उसके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिनमें विदेशी फंडिंग के दस्तावेज, लैपटॉप, और पीड़ितों के बयान शामिल हैं।
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