नई दिल्ली/ लंदन: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा भंग होने की घटना के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन की प्रभारी विदेश मंत्री क्रिस्टीना स्कॉट को तलब कर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने आधिकारिक दौरे पर लंदन में एक कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे। इसी दौरान खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सुरक्षा घेरे को भंग करने की कोशिश की। ब्रिटिश पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस घटना को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन मानते हुए तुरंत ब्रिटेन के राजनयिक को तलब किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार से इस घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा:
“विदेश मंत्री की सुरक्षा में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह अस्वीकार्य है। ब्रिटिश प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।”
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ब्रिटेन का रुख
ब्रिटेन की सरकार ने भारत को आश्वासन दिया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने कहा कि हम भारत की चिंताओं को समझते हैं और मामले की गहन जांच करेंगे।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले
- मार्च 2023: लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर भारतीय ध्वज हटाने की कोशिश की थी।
- 2020: ब्रिटेन में भारतीय दूतावास के बाहर अलगाववादी समूहों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे।
भारत-ब्रिटेन संबंधों पर असर
यह घटना भारत और ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकती है। भारत पहले भी ब्रिटेन से खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग कर चुका है। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा और राजनयिक मामलों पर और कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
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निष्कर्ष
जयशंकर की सुरक्षा में सेंध लगाने की इस घटना ने भारत में कड़ा रोष पैदा कर दिया है। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नेताओं और राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। अब ब्रिटिश प्रशासन पर नजरें टिकी हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाता है।