सीएम योगी के बहराइच दौरे से पहले 500 किलो विस्फोटक बरामद, 70 संदिग्ध हिरासत में, इलाका छावनी में तब्दील

बहराइच: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 10 जून को प्रस्तावित बहराइच दौरे से ठीक पहले जिले के हरदी थाना क्षेत्र में सिकंदरपुर गांव के पास 500 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक बरामद होने से हड़कंप मच गया है। इस घटना ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 70 संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनमें ज्यादातर पश्चिम बंगाल के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

मामला तब सामने आया जब स्थानीय ग्रामीणों ने महसी विधायक सुरेश्वर सिंह को सूचना दी कि अल्फा जियो इंडिया लिमिटेड नामक एक पेट्रोलियम कंपनी सर्वे के नाम पर खेतों में विस्फोटक बिछा रही है। ग्रामीणों की शिकायत पर विधायक ने अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन प्रारंभिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर दो ट्रकों में भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया।सूत्रों के अनुसार, कंपनी को केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल और गैस की खोज के लिए ड्रिलिंग का काम सौंपा था।

हालांकि, कंपनी ने स्थानीय प्रशासन को सूचित किए बिना और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किए बिना विस्फोटकों का उपयोग किया, जिसे भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने “गंभीर सुरक्षा चूक” करार दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के दौरे को रद्द करने की मांग की, यह चेतावनी देते हुए कि नेपाल सीमा के पास संभावित घुसपैठ और इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक की मौजूदगी एक सुनियोजित साजिश का संकेत हो सकती है।पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है और बम निरोधक दस्ते को जांच के लिए बुलाया गया है।

हिरासत में लिए गए 50-60 कर्मचारियों से पूछताछ जारी है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक गिरफ्तारी नहीं हुई है। सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट आलोक प्रसाद ने बताया कि कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्णय जांच के बाद लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बहराइच के चित्तौरा में महाराजा सुहेलदेव स्मारक के लोकार्पण के लिए पहुंचने वाले थे। इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है।

क्षेत्र में भारी पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियां तैनात की गई हैं, और पूरे जिले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।खुफिया एजेंसियों ने नेपाल सीमा के रास्ते 37-47 संदिग्धों, जिसमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या शामिल हो सकते हैं, की घुसपैठ की आशंका जताई थी। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, और जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह वाकई सर्वे का हिस्सा था या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी।

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