अयोध्या: अयोध्या के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में इंजेक्शन के ओवरडोज से 62 वर्षीय नरेंद्र बहादुर सिंह की मौत ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठा दिए हैं। परिवार ने वार्ड बॉय और स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने वार्ड बॉय अखिलेश और एक स्टाफ नर्स को निलंबित कर जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
नरेंद्र बहादुर सिंह, बीकापुर कोतवाली के रजौरा गांव के निवासी, को उच्च रक्तचाप और मधुमेह की शिकायत थी। 29 मई 2025 को उनकी बेटियों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। आरोप है कि गलत इंजेक्शन या अधिक डोज देने से उनकी हालत बिगड़ी और शुक्रवार सुबह उनकी मृत्यु हो गई। परिवार ने हंगामा किया और CM योगी से मिलने की मांग की।
प्रशासन की कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया। प्रारंभिक जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर वार्ड बॉय अखिलेश और स्टाफ नर्स को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। डॉ. वर्मा ने कहा, “तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। पोस्टमॉर्टम और जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।” X पर @News1IndiaTweet ने इसे चिकित्सा लापरवाही का बड़ा मामला बताया।
परिवार का रुख
नरेंद्र की बेटियों, ममता और रीना सिंह, ने कहा, “हमारे पिता की मौत गलत इलाज से हुई। जब तक CM योगी हमारी बात नहीं सुनेंगे और दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, हम शव नहीं लेंगे।” परिवार ने मुआवजे और नौकरी की मांग भी की। X पर @bstvlive ने परिवार के आक्रोश को उजागर किया।