मनामा, बहरीन: AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन की राजधानी मनामा में भारत-पाक तनाव और आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को “हमलावर, न कि पीड़ित” करार दिया। बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व वाली सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने और हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस लाने की मांग की।
भारत का पक्ष रखा
ओवैसी ने बहरीन के अधिकारियों को बताया कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकियों को प्रशिक्षण और सहायता दे रहा है, जो भारत में हमले कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई धमाके, ट्रेन विस्फोट, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमला, पुलवामा और पठानकोट हमलों का जिक्र किया। ओवैसी ने कहा, “हमने दिसंबर 2023 में UNSC से The Resistance Front (TRF) पर प्रतिबंध की मांग की थी। पहलगाम हमले के बाद TRF ने दो बार जिम्मेदारी ली, और हमारे साइबर विशेषज्ञों ने पाया कि आतंकी गतिविधियों के लिए पाक सैन्य छावनी के पास से इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ।”
ऑपरेशन सिंदूर और पाक की मूर्खता
22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए, के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान ने मूर्खता की, और 9-10 मई को उसे एयरबेस पर सबक सिखाया गया। भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पड़ोसी देश क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर रहा है।” उन्होंने पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर के 15 अप्रैल के कश्मीर संबंधी बयान की भी निंदा की।
FATF और बहरीन की भूमिका
ओवैसी ने बहरीन सरकार से FATF में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में वापस लाने का समर्थन करने की अपील की, क्योंकि आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन का उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी राजनीतिक भिन्नताएं हैं, लेकिन देश की अखंडता पर हम एकजुट हैं।” बहरीन, जो 2026-27 में UNSC का सदस्य बनेगा, से भारत को समर्थन की उम्मीद है। ओवैसी ने भारतीय समुदाय के बहरीन में योगदान की भी सराहना की।
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