नई दिल्ली: अमेरिकी गैजेट दिग्गज एप्पल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के प्रभाव को कम करने के लिए भारत को अपनी मैन्यूफैक्चरिंग रणनीति का केंद्र बनाने का फैसला किया है। कंपनी के सीईओ टिम कुक ने Q2 FY25 के नतीजों के बाद घोषणा की कि जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone भारत में निर्मित होंगे। यह कदम चीन पर निर्भरता कम करने और 145% के भारी टैरिफ से बचने की रणनीति का हिस्सा है।
भारत बनेगा iPhone का ग्लोबल हब
टिम कुक ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhone का मूल देश भारत होगा।” हालांकि, iPad, Mac, Apple Watch और AirPods का उत्पादन मुख्य रूप से वियतनाम में होगा, जहां अमेरिका ने केवल 10% टैरिफ लगाया है। कुक ने टैरिफ की अस्थिरता पर चिंता जताते हुए कहा कि जून के बाद की स्थिति की भविष्यवाणी करना मुश्किल है।
900 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त बजट
एप्पल ने टैरिफ के असर को झेलने के लिए मौजूदा तिमाही में 900 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त बजट रखा है। यह राशि कुछ विशेषज्ञों की उम्मीद से कम है। AppleCare सर्विस और एक्सेसरीज पर 145% टैरिफ लागू रहेगा, जिसे कंपनी फिलहाल वहन करने को तैयार है।
रेवेन्यू में वृद्धि
मार्च तिमाही में एप्पल का रेवेन्यू 95.4 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले साल के 90.75 बिलियन डॉलर से अधिक है। टैरिफ के बावजूद ग्राहकों में कीमत बढ़ने की आशंका से खरीदारी की होड़ नहीं दिखी। भारत में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने से देश ग्लोबल सप्लाई चेन में मजबूत स्थिति बना रहा है।