अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात: आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश, भारत-चीन संबंधों पर चर्चा

बीजिंग: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने 23 जून 2025 को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक के दौरान हुई। डोभाल ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।

आतंकवाद पर कड़ा रुख

डोभाल ने बैठक में स्पष्ट किया कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए आतंकवाद के हर रूप और स्वरूप का मिलकर मुकाबला करना अनिवार्य है। उनका यह बयान अप्रैल 2024 में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर किए गए सटीक हमलों के डेढ़ महीने बाद आया है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। डोभाल का यह संदेश पाकिस्तान द्वारा समर्थित सीमा पार आतंकवाद के संदर्भ में देखा जा रहा है।

भारत-चीन संबंधों पर चर्चा

दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों की हालिया प्रगति की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर सहमति जताई। इसमें जन-जन के बीच संपर्क को बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया गया। विदेश मंत्रालय (एमईए) के बयान के अनुसार, डोभाल और वांग ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। डोभाल ने कहा कि वह 24वें दौर की विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के लिए वांग यी को भारत में आमंत्रित करते हैं।

पहलगाम हमले का जिक्र

बैठक से पहले भारत ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दस्तावेजों में पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करने की मांग की थी। डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया, जो एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (RATS) के अनुरूप है।

पिछली मुलाकात और संदर्भ

यह मुलाकात दिसंबर 2024 में डोभाल और वांग के बीच बीजिंग में हुई विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बाद हुई है, जो 21 अक्टूबर 2024 को पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग में विघटन समझौते के बाद हुई थी। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 23 अक्टूबर 2024 को कजान में मुलाकात के बाद हुआ था। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को हल करने और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने के लिए एसआर तंत्र को पुनर्जनन करने का फैसला किया था।

एससीओ का महत्व

डोभाल बीजिंग में एससीओ सुरक्षा परिषद सचिवों की बैठक में भाग लेने गए थे, जो सितंबर 2025 में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों का हिस्सा है। चीन वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है, और डोभाल ने शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन, दो प्रमुख एशियाई देशों के रूप में, वैश्विक समुदाय के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं।

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