आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा में शाहगंज के सराय ख्वाजा की संकरी गली में 17 गज के मकान में रहने वाला रहमान उर्फ मोहम्मद अली अवैध धर्मांतरण रैकेट का अहम किरदार निकला। उसके यूट्यूब चैनल पर 1.56 लाख फॉलोअर्स और 1500 से अधिक वीडियो हैं, जिनमें कुछ अंग्रेजी में साक्षात्कार और पॉडकास्ट शामिल हैं। आगरा पुलिस ने शनिवार को रहमान के मतांतरण गिरोह से जुड़े होने का खुलासा किया, जिसके बाद उसके परिवार वाले सन्न रह गए।
पुलिस के मुताबिक, बारहवीं फेल रहमान, जो जूते के स्टिकर बनाने का काम करता था, युवतियों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के लिए अपने यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल करता था। वह धर्मांतरित युवतियों के वीडियो पोस्ट कर दूसरों को अपने जाल में फंसाता था। उसके वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा और प्रस्तुति को देखकर पुलिस का मानना है कि वह कोई मामूली व्यक्ति नहीं, बल्कि प्रशिक्षित है।
पुलिस ने रहमान के लैपटॉप और अन्य उपकरणों की जांच शुरू की है। जांच में पता चला कि यह गिरोह छह राज्यों में फैला था और कनाडा, अमेरिका, दुबई जैसे देशों से फंडिंग प्राप्त करता था। रहमान की हरकतों की जानकारी उसके माता-पिता को नहीं थी, जिन्होंने दावा किया कि उनका बेटा साजिश का शिकार हुआ है।
शनिवार को आगरा पुलिस ने इस रैकेट के 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें रहमान भी शामिल है। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि गिरोह का तौर-तरीका आतंकी संगठन आईएसआईएस से मिलता-जुलता था, जिसमें ब्रेनवॉशिंग और लव जिहाद के जरिए युवतियों को निशाना बनाया जाता था। मामले में भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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