उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जिलाधिकारी (DM) कार्यालय के अंदर एक मस्जिद की मौजूदगी ने विवाद और कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मस्जिद में सैकड़ों बाहरी लोगों के नमाज अदा करने की खबरें सामने आई हैं, जिसके बाद स्थानीय नागरिकों और संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है।
सरकारी परिसर में धार्मिक स्थल:
कई लोगों का मानना है कि सरकारी कार्यालय परिसर में किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण और संचालन नियमों के खिलाफ है। उनका कहना है कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
बाहरी लोगों का प्रवेश:
मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
पारदर्शिता की कमी:
मस्जिद के निर्माण, संचालन और इसमें होने वाली गतिविधियों को लेकर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया जा रहा है।
नागरिकों की मांग
स्थानीय नागरिकों और संगठनों ने मांग की है कि इस मस्जिद के निर्माण और संचालन की जांच की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि सरकारी परिसर से धार्मिक स्थलों को हटाया जाए और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का पालन किया जाए।
प्रशासन का रुख
जिला प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन का कहना है कि वह सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लेगा।
विशेषज्ञों की राय
=कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी परिसर में किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण और संचालन नियमों के खिलाफ है। उनका कहना है कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि मस्जिद का निर्माण और संचालन नियमों के तहत किया गया है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
निष्कर्ष
सहारनपुर DM कार्यालय में मस्जिद का मामला अभी भी विवादों में है। इस मामले में जांच चल रही है और देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेता है। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर सरकारी परिसरों में धार्मिक स्थलों के निर्माण और संचालन को लेकर बहस छेड़ दी है। Live24IndiaNews