दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक प्रोफेसर ने अपनी रिसर्च में एक बड़ा खुलासा किया है। उनकी रिसर्च के अनुसार, दिल्ली का शिक्षा मॉडल झूठा और अव्यावहारिक है।
प्रोफेसर ने अपनी रिसर्च में पाया कि शिक्षा मॉडल में कई कमियाँ हैं जो छात्रों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार नहीं करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा मॉडल में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि छात्रों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।
JNU प्रोफेसर की रिसर्च में बड़ा खुलासा!
- 2022 और 2023 के बीच शिक्षकों के वेतन आवांटन में 36% की गिरावट
- शहरी स्कूलों में जगह की कमी, Playground का इस्तेमाल भवन निर्माण में किया
- शौचालयों और प्रयोगशालाओं को कक्षाओं के रूप में गिना गया
- 75% लड़कियां और 55% लड़के शौचालय की सुविधाओं से असंतुष्ट
- प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की कमी के कारण 67% से अधिक छात्रों में असंतोष
- स्कूलों में काम करने वाले कंप्यूटर Labs और पर्याप्त उपकरणों की कमी
- 50% सीटें निजी स्कूलों के छात्रों के लिए आरक्षित, वंचित छात्रों के लिए अवसर हुए कम
- अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों के नामाांकन में गिरावट