राजाजीपुरम में MBA छात्र आर्यन यादव ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मम्मी-पापा, मुझे माफ कर देना’

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र के मेहंदीखेड़ा गांव में एक दुखद घटना ने सबको झकझोर दिया है। यहां 20 वर्षीय MBA छात्र आर्यन यादव ने परीक्षा में असफल होने के कारण डिप्रेशन में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शनिवार सुबह उसका शव घर के आंगन में जाल से लटका मिला। इस घटना ने परिवार और स्थानीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है।

क्या है पूरा मामला?

आर्यन यादव, जो मुंबई के कांदिवली स्थित एक कॉलेज में MBA की पढ़ाई कर रहा था, दो महीने पहले छुट्टियों के लिए अपने पैतृक गांव मेहंदीखेड़ा आया था। उसके पिता गुड्डू यादव एक प्रॉपर्टी डीलर हैं, और आर्यन पूर्व जिला पंचायत सदस्य लल्लू यादव का भतीजा था। परिवार में उसकी मां विनीता और छोटा भाई तेजस हैं।

पिता गुड्डू ने बताया कि शुक्रवार रात आर्यन ने परिवार के साथ खाना खाया और सामान्य व्यवहार करता हुआ अपने कमरे में सोने चला गया। शनिवार सुबह जब वह नहीं उठा, तो परिवार ने आंगन में जाल से लटके उसके शव को देखा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सुसाइड नोट: ‘मैं फेल हो गया’

तालकटोरा थाने के इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे के अनुसार, मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें आर्यन ने अपनी मौत का कारण पढ़ाई में असफलता और डिप्रेशन बताया। नोट में लिखा था, “मैं परीक्षा में फेल हो गया हूं, मम्मी-पापा… आप सबकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया, मुझे माफ कर देना।” नोट में आर्यन ने अपनी मौत का जिम्मेदार खुद को ठहराया है और किसी अन्य पर कोई आरोप नहीं लगाया।

परिवार में शोक, पुलिस जांच जारी

घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गुड्डू ने बताया कि आर्यन पिछले कुछ दिनों से चुपचाप रहता था और पढ़ाई को लेकर तनाव में दिखाई देता था। एक दिन पहले ही वह रस्सी खरीदकर लाया था, लेकिन परिवार को उसके इरादों का कोई अंदाजा नहीं था।

डीसीपी पश्चिमी जोन विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में कोई बाहरी दबाव या साजिश के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन सभी पहलुओं की गहन पड़ताल की जा रही है।

बढ़ते छात्र आत्महत्या के मामले

NCRB की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 13,000 से अधिक छात्र आत्महत्या करते हैं, जो कुल आत्महत्याओं का 8% है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में छात्र आत्महत्याओं को “प्रणालीगत विफलता” बताते हुए स्कूलों और कॉलेजों के लिए 15-सूत्रीय गाइडलाइन जारी की है, जिसमें काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट : विवेक वर्मा  ( लखनऊ )

हेल्पलाइन: यदि आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या आत्महत्या के विचारों से जूझ रहा है, तो तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 या टेलिमानस हेल्पलाइन 1800914416 पर संपर्क करें।

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