Etah News : उत्तर प्रदेश के एटा जिले के सरौतिया गांव में नाग पंचमी के दिन एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। ग्रामीणों का दावा है कि एक नागिन अपने जोड़े (नाग) की मौत का बदला लेने के लिए प्रवेश दीक्षित के घर में घुस आई। 15 दिन पहले उसी घर के लोगों ने कथित तौर पर एक नाग को मार डाला था। नागिन ने 24 घंटे से अधिक समय तक घर में फन फैलाकर फुफकारते हुए दहशत फैलाई, जिससे परिवार और गाँव वाले रात भर सहमे रहे।
नाग पंचमी पर नागिन का आगमन
घटना अलीगंज थाना क्षेत्र के सरौतिया गाँव की है। 29 जुलाई 2025 को नाग पंचमी के दिन प्रवेश दीक्षित के घर में एक नागिन दिखाई दी। ग्रामीणों के अनुसार, 15 दिन पहले गाँव में एक नाग की मौत हो गई थी, जिसे ग्रामीणों ने गलती से मार दिया था। गाँव वालों का मानना है कि नागिन अपने जोड़े की मौत का बदला लेने के लिए उसी घर में पहुंची। पूरी रात नागिन ने घर में हंगामा मचाया, फन उठाकर फुफकारती रही, जिससे परिवार और आसपास के लोग डर के साये में रहे।
परिवार और गाँव में फैली दहशत
नागिन के घर में घुसने की खबर फैलते ही गाँव में सनसनी मच गई। प्रवेश दीक्षित के परिवार ने पूरी रात जागकर बिताई, क्योंकि उन्हें डर था कि नागिन किसी को नुकसान न पहुंचा दे। गाँव के लोग भी रात भर उनके घर के आसपास चक्कर लगाते रहे। एक ग्रामीण, विमला देवी ने कहा, “यह संयोग था कि नागिन ने शिकार कर लिया, वरना वह बदला लेने के लिए और खतरनाक हो सकती थी।” परिजन प्रमोद कुमार ने चिंता जताई कि “नागिन 12 साल तक अपने दुश्मन को नहीं भूलती, वह फिर लौट सकती है।”
वन विभाग का रेस्क्यू ऑपरेशन
सुबह होते ही ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और नागिन को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। नागिन गुस्से में थी और बार-बार फन उठाकर फुफकार रही थी, जिससे रेस्क्यू में काफी मुश्किल आई। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने नागिन को सुरक्षित पकड़ लिया और उसे जंगल में छोड़ने के लिए अपने साथ ले गई। रेस्क्यू के बाद परिवार और गाँव वालों ने राहत की सांस ली।
वन विभाग का स्पष्टीकरण
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बारिश के मौसम में सांपों का घरों में घुसना आम बात है। “बरसात में चूहों का पीछा करते हुए सांप अक्सर घरों में चले जाते हैं। इस नागिन ने हाल ही में शिकार नहीं किया था, इसलिए वह एक ही जगह पर रुकी रही,” अधिकारी ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि नाग और नागिन के बदला लेने की कहानियाँ ज्यादातर लोककथाओं और फिल्मों से प्रेरित हैं, और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
ग्रामीणों में बरकरार है खौफ
रेस्क्यू के बावजूद गाँव में डर का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का मानना है कि नागिन बदला लेने के लिए फिर लौट सकती है। कुछ लोगों ने इसे नाग पंचमी जैसे पवित्र दिन से जोड़कर देखा, जिसने उनकी आस्था और डर को और बढ़ा दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें नागिन को फुफकारते हुए देखा जा सकता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ
भारत में नाग और नागिन से जुड़ी कहानियाँ लोककथाओं और सिनेमा का हिस्सा रही हैं। नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा की जाती है, और इन्हें प्रकृति का रक्षक माना जाता है। इस घटना ने गाँव में धार्मिक भावनाओं को और गहरा कर दिया है। हालांकि, वन विभाग ने इसे एक सामान्य प्राकृतिक घटना बताया है, लेकिन ग्रामीणों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
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