पटना: बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के युवाओं को एक करोड़ रोजगार देने का ऐलान किया है। मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में श्रम विभाग के इस महत्त्वाकांक्षी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र बेहद अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2025 से 2030 तक के अगले पांच वर्षों में उनकी सरकार सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी क्षेत्र और स्वरोजगार के माध्यम से एक करोड़ नौकरियों और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। इस दिशा में कौशल विकास, स्टार्टअप, MSME और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की भूमिका को अहम बताया गया है।
कैबिनेट ने क्या-क्या फैसले लिए?
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श्रम विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी, जिसके तहत 1 करोड़ रोजगार सृजित होंगे।
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12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन होगा, जिसकी अध्यक्षता विकास आयुक्त करेंगे।
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30 अन्य विभागीय प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली।
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पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के रखरखाव के लिए 179 करोड़ रुपये स्वीकृत।
निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में होंगे अवसर
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि रोजगार सिर्फ सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि निजी कंपनियों और उद्योगों में भी रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाएगा। स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
चुनावी रणनीति में अहम दांव
राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस घोषणा को चुनाव पूर्व एक बड़ा दांव माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 39 लाख से अधिक को रोजगार दिया जा चुका है, और 2020-25 के लक्ष्य को पार कर लिया गया है।
पटना मेट्रो भी तय समय पर शुरू होगी
बैठक में पटना मेट्रो परियोजना के लिए प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के संचालन हेतु बजट आवंटित किया गया। 15 अगस्त 2025 से इस रूट पर सेवा शुरू होने की संभावना है, जो मलाही पकड़ी से न्यू ISBT तक 6.49 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
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