प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक 15 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की को धर्मांतरण और जिहादी ट्रेनिंग के लिए केरल ले जाया गया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों, दरकशा बानो और मोहम्मद कैफ, को गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरे आरोपी ताज मोहम्मद की तलाश जारी है। यह रैकेट कथित तौर पर दलित और गरीब लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश रच रहा था।
फूलपुर में शुरू हुई साजिश
मामला प्रयागराज के फूलपुर थाना क्षेत्र के लिलहट गांव से जुड़ा है। पीड़िता, एक 15 वर्षीय दलित नाबालिग, अपनी विधवा मां के साथ रहती थी। गांव की ही रहने वाली दरकशा बानो, जो कथित तौर पर पीड़िता की सहेली थी, ने उसे बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाया। दरकशा ने 8 मई 2025 को रात 10 बजे पीड़िता को एक शादी समारोह से ले जाकर फूलपुर की एक मस्जिद के पास पहुंचाया। वहां मोहम्मद कैफ बाइक लेकर पहले से मौजूद था।
दरकशा ने पीड़िता को पैसे का लालच और इस्लाम की तारीफ करके ब्रेनवॉश किया। इसके बाद कैफ ने दोनों को प्रयागराज जंक्शन छोड़ा, जहां रास्ते में उसने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ भी की। दरकशा पीड़िता को पहले दिल्ली और फिर वहां से केरल के त्रिशूर ले गई।
केरल में धर्मांतरण और जिहादी ट्रेनिंग
त्रिशूर पहुंचने पर पीड़िता को एक ऐसे घर में ले जाया गया, जहां कई अन्य नाबालिग लड़कियां पहले से मौजूद थीं। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वहां “बड़ी दाढ़ी वाले लोग” थे, जो उस पर इस्लाम में धर्मांतरण का दबाव डाल रहे थे और जिहादी ट्रेनिंग देने की बात कर रहे थे। डरी-सहमी पीड़िता ने बताया कि दरकशा वहां से गायब हो गई थी। किसी तरह वह उनके चंगुल से भागकर त्रिशूर रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां केरल पुलिस ने उसकी मदद की और प्रयागराज पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
28 जून 2025 को पीड़िता की मां गुड्डी देवी की शिकायत पर फूलपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में दरकशा बानो, मोहम्मद कैफ, ताज मोहम्मद, और एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपी बनाया गया। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने दरकशा और कैफ को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि ताज मोहम्मद की तलाश जारी है।
प्रयागराज के डीसीपी गंगानगर जोन कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि दरकशा एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो गरीब और दलित लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका ब्रेनवॉश करता है और उन्हें धर्मांतरण के बाद आतंकी गतिविधियों में शामिल करता है। उन्होंने कहा कि यह गिरोह केरल के एक मॉड्यूल से जुड़ा है, और इसकी जांच के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं।
पीड़िता की आपबीती
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि त्रिशूर में उसे एक घर में कैद रखा गया था, जहां कई अन्य नाबालिग लड़कियां भी थीं। उसने कहा, “वहां बड़ी दाढ़ी वाले लोग थे, जो मुझे डराते थे और जिहाद की बातें करते थे।” पीड़िता की मां ने शिकायत में कहा कि उन्हें अब फोन पर धमकियां मिल रही हैं। पीड़िता को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) की मदद से प्रयागराज वापस लाया गया और उसकी मां को सौंप दिया गया।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में सनसनी फैला दी है। सोशल मीडिया पर लोग इस साजिश की कड़े शब्दों में निंदा कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसे लव जिहाद और संगठित अपराध का हिस्सा बताया, जबकि अन्य ने दलित समुदाय को निशाना बनाने की साजिश पर गहरी चिंता जताई।
भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दलित समुदाय के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है और सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
जांच और आगे की कार्रवाई
प्रयागराज पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और केरल के मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने कहा, “हम इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दरकशा और कैफ से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं।” पुलिस ने संकेत दिया है कि इस गिरोह ने पहले भी कई नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया हो सकता है।
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