ट्रंप फोन विवाद: ‘मेड इन यूएसए’ का दावा हटा, स्पेसिफिकेशन बदले, प्री-बुकिंग के बीच ट्रंप ऑर्गनाइजेशन पर उठे सवाल

 ट्रंप ऑर्गनाइजेशन के पहले एंड्रॉयड स्मार्टफोन, T1 फोन, को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। 16 जून 2025 को लॉन्च हुआ यह फोन ‘मेड इन यूएसए’ के दावे के साथ सुर्खियों में था, लेकिन अब कंपनी ने अपनी वेबसाइट से इस दावे को हटा लिया है। नई टैगलाइन ‘प्रीमियम परफॉर्मेंस, प्राउडली अमेरिकन’ और ‘अमेरिकन वैल्यूज के साथ डिज़ाइन’ जैसे अस्पष्ट वाक्यांशों ने संदेह पैदा कर दिया है। इतना ही नहीं, प्री-बुकिंग के दौरान फोन के स्पेसिफिकेशन में बदलाव ने ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। तकनीकी विशेषज्ञों ने इसे ‘भ्रामक’ और ‘अभूतपूर्व’ कदम बताया है।

‘मेड इन यूएसए’ का दावा गायब

लॉन्च के समय ट्रंप मोबाइल ने T1 फोन को ‘पूरा अमेरिका में निर्मित’ बताया था। लेकिन विशेषज्ञों ने तुरंत इस दावे पर सवाल उठाए, क्योंकि अमेरिका में स्मार्टफोन निर्माण की कोई उन्नत सप्लाई चेन नहीं है। 499 की कीमत पर पूरी तरह अमेरिकी फोन बनाना असंभव माना गया। अब वेबसाइट पर ‘मेड इन यूएसए’ की जगह ‘अमेरिकन हैंड्स बिहाइंड एवरी डिवाइस’ और ‘ब्रॉट टू लाइफ इन यूएसए’ जैसे वाक्य दिखाई दे रहे हैं। ट्रंप मोबाइल के प्रवक्ता ने दावा किया कि फोन अमेरिका में बनाए जा रहे हैं, लेकिन बदली हुई भाषा ने संदेह को और बढ़ा दिया है। तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि T1 चीनी निर्माता विंगटेक के रेवल 7 प्रो 5G का री-ब्रांडेड वर्जन हो सकता है, जिसकी कीमत $169 है।

स्पेसिफिकेशन में बदलाव, ग्राहकों में रोष

लॉन्च के समय T1 फोन में 6.78-इंच AMOLED डिस्प्ले, 12GB रैम, और 256GB स्टोरेज का दावा किया गया था। लेकिन अब वेबसाइट पर डिस्प्ले का आकार 6.25 इंच दिखाया गया है, और रैम की जानकारी हटा दी गई है। पहले सितंबर में लॉन्च की बात थी, लेकिन अब इसे ‘इस साल के अंत में’ लॉन्च करने की बात कही जा रही है। यह पहली बार है जब किसी कंपनी ने प्री-बुकिंग के दौरान फोन के स्पेसिफिकेशन बदले हों।”

विशेषज्ञों की चेतावनी

प्युरिज्म के सीईओ टॉड वीवर, जो अमेरिका में लिबर्टी फोन बनाते हैं, ने कहा, “पूरी तरह अमेरिकी स्मार्टफोन बनाना असंभव है। हमारे फोन की 90% सामग्री अमेरिका, कनाडा या यूरोप से आती है, लेकिन कुछ पुर्जे, जैसे चीनी क्रिस्टल, विदेशों से लेने पड़ते हैं।” उन्होंने ट्रंप के दावों को अवास्तविक बताया। फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) के नियमों के अनुसार, ‘मेड इन यूएसए’ का दावा तभी मान्य है, जब लगभग सभी पुर्जे और श्रम अमेरिकी हों।

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