गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र के सनौली मोहम्मदपुर गांव में 22 जून 2025 को घाघरा नदी में एक मगरमच्छ ने 13 साल के बच्चे को अपना शिकार बना लिया। यह पिछले एक महीने में दूसरी ऐसी घटना है, जिसने इलाके में दहशत फैला दी है। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मगरमच्छ बच्चे को पानी में खींचता हुआ दिखाई दे रहा है।
घटना का विवरण
थाना प्रभारी नरेंद्र प्रताप राय के अनुसार, सनौली मोहम्मदपुर गांव के निवासी कुंवर बहादुर यादव का 13 वर्षीय बेटा राजा बाबू उर्फ नान यादव रविवार शाम नदी किनारे भैंस नहला रहा था। अचानक एक मगरमच्छ ने उस पर हमला किया और उसे अपने जबड़े में दबोचकर नदी की गहराई में खींच ले गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मगरमच्छ ने पहले बच्चे का पैर पकड़ा, फिर उसकी गर्दन दबोचकर उसे पानी में ले गया। कुछ सेकंड तक बच्चे का सिर पानी के ऊपर दिखा, लेकिन जल्द ही वह और मगरमच्छ नदी में गायब हो गए।
बचाव प्रयास असफल
ग्रामीणों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज धारा और मगरमच्छ की आक्रामकता के कारण वे असफल रहे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लगभग पांच घंटे तक गोताखोरों ने जाल डालकर तलाश की, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। सोमवार सुबह फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
वायरल वीडियो और स्थानीय दहशत
घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मगरमच्छ बच्चे को खींचकर ले जाता दिख रहा है। वीडियो में बच्चे का सिर कुछ पल के लिए पानी के ऊपर दिखता है, फिर वह पूरी तरह गायब हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घाघरा नदी में पानी बढ़ने के साथ मगरमच्छों की आवाजाही बढ़ जाती है। यह एक महीने में दूसरी ऐसी घटना है, जिससे गांव में डर का माहौल है।
वन विभाग की चेतावनी
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने से मगरमच्छ गांवों के करीब आ जाते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को नदी किनारे अकेले न जाने और बच्चों को पानी में न उतरने की चेतावनी दी है। रेंजर रमेश यादव ने कहा, “हम नदी किनारे गश्त बढ़ा रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।”
ग्रामीणों की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से नदी किनारे सुरक्षा उपाय बढ़ाने की मांग की है। ग्रामीण राम प्रसाद ने कहा, “मगरमच्छों का खतरा बढ़ गया है। सरकार को जाल या बाड़ लगाकर गांव को सुरक्षित करना चाहिए।” इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठाए हैं।