यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण, प्रकार, कारण उपचार और दवा जानें सब कुछ

हेल्थ: यूरिक एसिड हमारे शरीर में स्वाभाविक रूप से बनने वाला एक रासायनिक पदार्थ है, जो प्यूरीन (purine) के टूटने से उत्पन्न होता है। यह आमतौर पर खून में घुलकर किडनी के जरिए मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है। लेकिन जब यूरिक एसिड का स्तर शरीर में जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे गठिया (gout), जोड़ों का दर्द, और किडनी से जुड़ी बीमारियां। इस आर्टिकल में हम यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण, प्रकार, कारण, और इसके उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

यूरिक एसिड क्या है?

यूरिक एसिड एक अपशिष्ट पदार्थ है, जो प्यूरीन के मेटाबॉलिज्म से बनता है। प्यूरीन कुछ खाद्य पदार्थों (जैसे रेड मीट, समुद्री भोजन, और शराब) और शरीर की कोशिकाओं के टूटने से प्राप्त होता है। सामान्य स्तर पर यूरिक एसिड शरीर के लिए हानिकारक नहीं होता, लेकिन इसका स्तर बढ़ने पर यह जोड़ों, किडनी, और अन्य अंगों में जमा हो सकता है।

  • सामान्य स्तर:

    • पुरुष: 3.4–7.0 mg/dL

    • महिलाएं: 2.4–6.0 mg/dL

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण

यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह कितना गंभीर है। कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. जोड़ों में दर्द और सूजन:

    • गठिया (gout) का सबसे आम लक्षण है, जिसमें जोड़ों (खासकर पैर के अंगूठे) में तेज दर्द, सूजन, और लालिमा होती है।

    • दर्द अक्सर रात में शुरू होता है और इतना तीव्र हो सकता है कि हल्का स्पर्श भी असहनीय लगे।

  2. जोड़ों में अकड़न:

    • सुबह उठने पर जोड़ों में जकड़न या हलचल में दिक्कत।

  3. पेशाब से जुड़ी समस्याएं:

    • बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन, या मूत्र का रंग गहरा होना।

  4. किडनी में पथरी:

    • यूरिक एसिड के क्रिस्टल किडनी में जमा होकर पथरी का कारण बन सकते हैं, जिससे कमर या पेट में तेज दर्द होता है।

  5. थकान और कमजोरी:

    • शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से थकान, सुस्ती, और कमजोरी महसूस हो सकती है।

  6. त्वचा पर गांठें:

    • लंबे समय तक यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों या त्वचा के नीचे टोफी (tophi) नामक गांठें बन सकती हैं, जो यूरिक एसिड के क्रिस्टल के जमाव के कारण होती हैं।

यूरिक एसिड बढ़ने के प्रकार

यूरिक एसिड बढ़ने की स्थिति को चिकित्सकीय रूप से हाइपरयूरिसेमिया (Hyperuricemia) कहते हैं। इसे दो प्रकारों में बांटा जा सकता है:

  1. प्राइमरी हाइपरयूरिसेमिया:

    • यह आनुवंशिक कारणों से होता है, जिसमें शरीर स्वाभाविक रूप से ज्यादा यूरिक एसिड बनाता है या इसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता।

    • उदाहरण: कुछ लोगों में एंजाइम की कमी के कारण प्यूरीन का मेटाबॉलिज्म असामान्य होता है।

  2. सेकेंडरी हाइपरयूरिसेमिया:

    • यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं या जीवनशैली के कारण होता है, जैसे:

      • किडनी की बीमारी, जो यूरिक एसिड को फिल्टर करने में बाधा डालती है।

      • कीमोथेरेपी या कुछ दवाएं, जो कोशिकाओं के टूटने को बढ़ाती हैं।

      • मोटापा, डायबिटीज, या हाइपोथायरॉइडिज्म।

      • शराब का अत्यधिक सेवन या प्यूरीन युक्त भोजन।

यूरिक एसिड बढ़ने के कारण

यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जो जीवनशैली, आहार, और चिकित्सीय समस्याओं से जुड़े हैं:

  1. आहार संबंधी कारण:

    • रेड मीट, ऑर्गन मीट (लिवर, किडनी), शेलफिश, और समुद्री मछली जैसे प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थ।

    • शराब (खासकर बीयर) और चीनी युक्त पेय (फ्रक्टोज युक्त ड्रिंक्स)।

  2. चिकित्सीय कारण:

    • किडनी की खराबी, जो यूरिक एसिड को बाहर निकालने में असमर्थ होती है।

    • मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबिटीज, या हाई ब्लड प्रेशर।

    • कुछ दवाएं, जैसे डाइयूरेटिक्स (मूत्रवर्धक) और एस्पिरिन।

  3. जीवनशैली:

    • मोटापा, गतिहीन जीवनशैली, और तनाव।

    • कम पानी पीना, जिससे यूरिक एसिड मूत्र के साथ बाहर नहीं निकल पाता।

  4. आनुवंशिकता:

    • परिवार में गठिया या यूरिक एसिड की समस्या होने पर इसका जोखिम बढ़ता है।

यूरिक एसिड का निदान

यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने का पता लगाने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:

  • ब्लड टेस्ट: यूरिक एसिड के स्तर को मापने के लिए।

  • यूरिन टेस्ट: यह जांचने के लिए कि किडनी कितना यूरिक एसिड बाहर निकाल रही है।

  • जॉइंट फ्लूइड टेस्ट: जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल की मौजूदगी की पुष्टि के लिए।

  • इमेजिंग टेस्ट: अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन से किडनी स्टोन या टोफी का पता लगाया जाता है।

यूरिक एसिड कम करने के उपाय और दवाएं

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव, आहार, और दवाओं का सहारा लिया जाता है।

1. जीवनशैली और आहार में बदलाव

  • पानी ज्यादा पिएं: रोज 2-3 लीटर पानी पीने से यूरिक एसिड मूत्र के साथ बाहर निकलता है।

  • प्यूरीन युक्त भोजन से बचें: रेड मीट, ऑर्गन मीट, शेलफिश, और बीयर का सेवन कम करें।

  • कम करें चीनी: फ्रक्टोज युक्त ड्रिंक्स (सॉफ्ट ड्रिंक्स, जूस) से बचें।

  • वजन नियंत्रित करें: मोटापा यूरिक एसिड को बढ़ाता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखें।

  • विटामिन C युक्त भोजन: संतरा, नींबू, और स्ट्रॉबेरी जैसे फल यूरिक एसिड कम करने में मदद करते हैं।

  • कम वसा वाले डेयरी उत्पाद: दूध, दही, और छाछ का सेवन बढ़ाएं।

  • व्यायाम: रोज 30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज (जैसे वॉकिंग, योग) करें।

2. दवाएं

डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित दवाएं दी जा सकती हैं:

  • एलोप्यूरिनॉल (Allopurinol): यूरिक एसिड के उत्पादन को कम करता है।

  • फेबक्सोस्टेट (Febuxostat): प्यूरीन के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।

  • कोल्सीसिन (Colchicine): गठिया के दर्द और सूजन को कम करने के लिए।

  • प्रोबेनेसिड (Probenecid): किडनी से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है।

  • NSAIDs: इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सन जैसी दवाएं दर्द और सूजन के लिए दी जाती हैं।

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: गंभीर मामलों में प्रेडनिसोन जैसी दवाएं दी जा सकती हैं।

3. घरेलू उपाय

  • सेब का सिरका: एक चम्मच सेब का सिरका पानी में मिलाकर पीने से यूरिक एसिड कम हो सकता है।

  • अदरक और हल्दी: इनमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम करते हैं।

  • चेरी का रस: चेरी यूरिक एसिड को कम करने और गठिया के दर्द से राहत देता है।

  • बेकिंग सोडा: आधा चम्मच बेकिंग सोडा पानी में मिलाकर पीने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है (डॉक्टर की सलाह लें)।

सावधानियां

  • नियमित ब्लड टेस्ट करवाएं ताकि यूरिक एसिड का स्तर मॉनिटर हो सके।

  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं शुरू या बंद न करें।

  • शराब और धूम्रपान से बचें।

  • किडनी की जांच नियमित रूप से करवाएं, क्योंकि यूरिक एसिड किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।

  • तनाव कम करें, क्योंकि यह यूरिक एसिड को बढ़ा सकता है।

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