लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में GST चोरी और फर्जी फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है, जो राज्य की विकास योजनाओं और लोककल्याणकारी कार्यक्रमों को प्रभावित करता है। CM ने कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और प्रभावी प्रवर्तन की नीति अपनाने पर जोर दिया।
शेल फर्म्स पर नकेल, पंजीकरण निरस्त करने का निर्देश
CM योगी ने सेंट्रल जीएसटी (CGST) के तहत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजकर उनका पंजीकरण निरस्त करने का निर्देश दिया। वहीं, स्टेट जीएसटी (SGST) के तहत पंजीकृत फर्मों की गहन जांच कर अनियमितता पाए जाने पर पंजीकरण रद्द करने और FIR दर्ज करने की बात कही। उन्होंने सभी नई पंजीकृत फर्मों का ग्राउंड इंस्पेक्शन अनिवार्य करने का आदेश दिया, ताकि फर्जी कंपनियां ईमानदार करदाताओं के अधिकारों को नुकसान न पहुंचाएं।
कम संग्रह वाले जोन पर सख्ती, व्यापारियों से संवाद की सलाह
मुख्यमंत्री ने कम कर संग्रह वाले जोन की समीक्षा पर जोर दिया। वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹1,75,725 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष अप्रैल-मई में ₹18,161.59 करोड़ का GST और वैट संग्रह हुआ, जिसकी CM ने सराहना की, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति में तेजी लाने को कहा। लखनऊ, अयोध्या, बरेली, आगरा जैसे 14 जोन में 60% से अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया, जबकि वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद में 50% से कम संग्रह को असंतोषजनक करार दिया। उन्होंने इन जोन की विशेष रिपोर्ट तैयार करने और फील्ड एक्सपर्ट्स के साथ विश्लेषण करने का निर्देश दिया। CM ने कहा कि एडिशनल, ज्वाइंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी कम संग्रह वाले क्षेत्रों में व्यापारियों से संवाद करें और विश्वास व सहयोग की भावना विकसित करें।
राजस्व विकास की आधारशिला, GST उपभोक्ता आधारित कर
CM ने कहा, “राजस्व केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि विकास की आधारशिला है।” उन्होंने बताया कि GST एक उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जहां जनसंख्या अधिक है, वहां से ज्यादा कर संग्रह स्वाभाविक है। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता से निभाने और करदाता समुदाय में अनुपालन की भावना विकसित करने का निर्देश दिया।