मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने होम लोन और अन्य कर्जधारकों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कटौती का ऐलान किया है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने शुक्रवार को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कमी की, जिसके बाद यह 5.5% हो गया है। इसके साथ ही कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 4% से घटाकर 3% कर दिया गया है, जिससे बैंकों के पास लोन देने के लिए अधिक नकदी उपलब्ध होगी। इस कदम से होम लोन की ब्याज दरें और कम होने की उम्मीद है, जिसका सीधा फायदा EMI में कमी के रूप में कर्जधारकों को मिलेगा।
6 महीने में 1% की कमी
RBI ने इस साल फरवरी और अप्रैल में भी 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी। इस तरह 2025 में अब तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट (1%) की कमी हो चुकी है। केंद्रीय बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति के रुख को ‘एकोमोडेटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया है। इसका मतलब है कि भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती महंगाई और GDP ग्रोथ के रुझानों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आर्थिक सुस्ती और कम मुद्रास्फीति के बीच ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
होम लोन EMI में कितनी राहत?
रेपो रेट में कटौती का सबसे बड़ा फायदा उन कर्जधारकों को होगा, जिनके लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) से जुड़े हैं। ज्यादातर बैंकों के फ्लोटिंग रेट होम लोन रेपो रेट से लिंक्ड होते हैं। इसका मतलब है कि रेपो रेट कम होने से होम लोन, कार लोन, और पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी कम होंगी। इससे या तो आपकी EMI कम हो सकती है, या लोन की अवधि घट सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आपका ₹50 लाख का होम लोन 20 साल के लिए 8.5% ब्याज दर पर है, तो 50 बेसिस पॉइंट की कटौती से ब्याज दर 8% हो जाएगी। इससे आपकी EMI ₹43,391 से घटकर ₹41,826 हो सकती है, जिससे हर महीने ₹1,565 की बचत होगी।
ब्याज दरें कम होने के बाद क्या करें?
अगर आपने होम लोन लिया है, तो सबसे पहले जांच लें कि आपका लोन EBLR से जुड़ा है या नहीं। अगर हां, तो रेपो रेट में कटौती का फायदा आपको जल्द मिलेगा। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि EMI में होने वाली बचत को आप निवेश में डाल सकते हैं, जैसे म्यूचुअल फंड्स या SIP में। अगर आप लोन जल्द खत्म करना चाहते हैं, तो EMI वही रखकर लोन की अवधि कम कर सकते हैं। हालांकि, कुछ बैंक रेपो रेट कटौती का पूरा फायदा तुरंत पास नहीं करते। ऐसे में अपने बैंक से संपर्क कर नई ब्याज दर लागू होने की जानकारी लें।
रियल एस्टेट सेक्टर में उत्साह
रेपो रेट में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर में भी उत्साह देखा जा रहा है। कम ब्याज दरें अफोर्डेबल और मिड-इनकम हाउसिंग सेगमेंट में डिमांड बढ़ा सकती हैं। डेवलपर्स को भी सस्ते कर्ज की उपलब्धता से प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में आसानी होगी। यह कदम मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदने का सुनहरा मौका लेकर आया है।
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