लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत 24 घंटे में 10 एनकाउंटर कर हिस्ट्रीशीटरों में खौफ पैदा कर दिया। आठ शहरों—लखनऊ, गाजियाबाद, शामली, झांसी, बुलंदशहर, बागपत, बलिया, और उन्नाव—में हुई इन मुठभेड़ों में रेप, हत्या, डकैती, और गौ तस्करी जैसे संगीन अपराधों के आरोपी पकड़े गए। ऑपरेशन लंगड़ा के तहत कई अपराधियों के पैरों में गोली मारी गई, जिससे अपराध नियंत्रण में तेजी आई है।
एनकाउंटर का विवरण
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लखनऊ: रेप के आरोपी को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया।
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गाजियाबाद: सिपाही की हत्या के आरोपी के पैर में गोली लगी, गिरफ्तार।
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शामली: 25 हजार के इनामी गौ तस्कर को पकड़ा गया।
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झांसी: इनामी बदमाश मुठभेड़ में घायल, अरेस्ट।
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बुलंदशहर: रेप के आरोपी का एनकाउंटर, गिरफ्तार।
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बागपत: लूट के आरोपी को पुलिस ने दबोचा।
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बलिया: फरार अपराधी को गोली लगी, पकड़ा गया।
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उन्नाव: हिस्ट्रीशीटर के साथ मुठभेड़, अरेस्ट।
आगरा और जालौन में भी चोरी और डकैती के आरोपियों को मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया। X पर @PrimeNewsInd ने बताया कि आगरा में 27 अप्रैल से 10 एनकाउंटर में 21 अपराधी घायल हुए और 16 तमंचे बरामद किए गए।
ऑपरेशन लंगड़ा: अपराधियों में खौफ
ऑपरेशन लंगड़ा, यूपी पुलिस का अनौपचारिक अभियान है, जिसमें अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए उनके पैरों में गोली मारकर उन्हें अक्षम किया जाता है। इसका मकसद अपराधियों में पुलिस का डर बनाए रखना और भविष्य में अपराध रोकना है। 2017 से मार्च 2023 तक 5,046 अपराधी इस ऑपरेशन में घायल हुए, जिनमें मेरठ जोन में 1,752 मामले दर्ज हुए। कई हिस्ट्रीशीटरों ने अपराध छोड़कर सामान्य जीवन अपनाया है।
हालांकि, ऑपरेशन लंगड़ा की आलोचना भी होती है। विपक्षी दल इसे जाति और धर्म के आधार पर चुनिंदा कार्रवाई बताते हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इसे गैर-कानूनी ठहराया, लेकिन पुलिस का दावा है कि यह सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के तहत होता है।
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