रिपोर्ट: धर्मेन्द्र पाण्डेय
सीतापुर। दिवंगत पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के परिवार को आखिरकार न्याय की दिशा में एक बड़ी राहत मिली है। पत्रकार संगठन ऐप्जा (APJA) के संघर्षों और प्रयासों के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राघवेंद्र की पत्नी रश्मि बाजपेई को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। साथ ही, परिवार को नौकरी और सीबीआई जांच की उम्मीदें भी अब प्रबल हो गई हैं।
दैनिक जागरण, महोली (सीतापुर) के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की 8 मार्च को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। डेढ़ महीने बाद पुलिस ने कथित रूप से मनगढ़ंत कहानी बनाकर मामला दबाने की कोशिश की, जिससे दोषी बचते नजर आए। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के कई जनप्रतिनिधि परिवार को केवल आश्वासन देते रहे, लेकिन कोई ठोस सहायता नहीं मिली।
थक हारकर मृतक की पत्नी ने ऐप्जा से मदद की गुहार लगाई। संगठन के चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा ने चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी की अगुवाई में प्रदेशभर के पत्रकारों के साथ सीतापुर के लालबाग चौराहे पर धरना प्रदर्शन किया। धरने को किसान मंच, सिख संगठन और किसान मोर्चा के नेताओं का समर्थन भी मिला। नवागत एसपी अंकुर अग्रवाल के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।
चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा ने राघवेंद्र के परिजनों को मुख्यमंत्री से मिलवाया, जिसके फलस्वरूप आर्थिक सहायता स्वीकृत हुई। अनुराग सारथी ने जानकारी दी कि संगठन अब और भी सहायता दिलाने और नौकरी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रयासरत है। यदि जनप्रतिनिधियों ने सहयोग नहीं किया, तो ऐप्जा स्वयं आगे बढ़कर संघर्ष करेगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पत्रकारों के हक और न्याय के लिए ऐप्जा जैसे संगठनों की भूमिका कितनी अहम है।