साउथेम्प्टन वैज्ञानिकों ने बनाया कैंसर के खिलाफ सुपरचार्ज्ड एंटीबॉडी: इम्यूनोथेरेपी में क्रांति

साउथेम्प्टन: साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कैंसर इम्यूनोथेरेपी के लिए एक सुपर-मजबूत एंटीबॉडी विकसित कर ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। यह नया एंटीबॉडी, जो प्राकृतिक एंटीबॉडीज से अधिक कठोर है, प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ प्रभावी ढंग से सक्रिय करता है। कैंसर रिसर्च यूके द्वारा वित्त पोषित इस शोध को नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यह खोज कैंसर के इलाज में नई उम्मीद जगाती है।

Supercharged AntibodiesCancer Immunotherapy
Southampton University
Rigid Antibodies
Cancer Research UK
Rigid Antibodies Cancer Research UK

सुपरचार्ज्ड एंटीबॉडी: कैसे काम करता है?

साउथेम्प्टन के शोधकर्ताओं ने एंटीबॉडी की संरचना में बदलाव कर उनकी कठोरता बढ़ाई। प्रोफेसर मार्क क्रैग ने बताया, “कठोर एंटीबॉडीज प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मजबूत सक्रियण संकेत देती हैं, जिससे कैंसर के खिलाफ शक्तिशाली प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है।” Y-आकार के एंटीबॉडीज में डाइसल्फाइड बॉन्ड्स जोड़कर उनकी भुजाओं को स्थिर किया गया, जिससे वे विभिन्न प्रतिरक्षा रिसेप्टर्स को बेहतर ढंग से लक्षित करते हैं।

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शोध की मुख्य खोजें

  • कठोरता का प्रभाव: सह-लेखक इसाबेल इलियट ने कहा कि कठोर एंटीबॉडीज प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर अणुओं को करीब लाती हैं, जिससे मजबूत प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है, जबकि लचीली एंटीबॉडीज कम प्रभावी होती हैं।

  • सुपरकंप्यूटर का उपयोग: प्रोफेसर इवो ट्यूज़ की टीम ने सुपरकंप्यूटर से परमाणु स्तर पर एंटीबॉडी संरचना का विश्लेषण कर अतिरिक्त डाइसल्फाइड बॉन्ड्स डिजाइन किए।

  • प्रारंभिक परिणाम: शुरुआती परीक्षणों में कठोर एंटीबॉडीज ने कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को काफी बढ़ाया।

कैंसर रिसर्च यूके का समर्थन

कैंसर रिसर्च यूके के कार्यकारी निदेशक डॉ. इयान फाउलकेस ने कहा, “यह शोध इम्यूनोथेरेपी को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सुपर-मजबूत एंटीबॉडीज कैंसर को मात देने के नए तरीके खोल सकती हैं।” यह अध्ययन कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों के लिए भी दवाएं विकसित करने की संभावना दिखाता है।

भविष्य की संभावनाएं

शोध दल अब इन एंटीबॉडीज को क्लिनिकल ट्रायल्स में ले जाने की योजना बना रहा है। प्रोफेसर क्रैग ने कहा, “यह दृष्टिकोण कई प्रतिरक्षा रिसेप्टर्स के लिए काम करता है, जिससे अधिक शक्तिशाली दवाएं बनाने का रास्ता खुलता है।” यह खोज ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और अन्य कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

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