नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के विपक्षी इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाने वाले बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। चिदंबरम ने कहा था कि उन्हें यकीन नहीं कि गठबंधन बरकरार है और इसका भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता। इस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का भविष्य भी अंधेरे में है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने चिदंबरम की टिप्पणी को कांग्रेस की कमजोरी और गठबंधन में दरार का सबूत बताया।
चिदंबरम का बयान
सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव की पुस्तक “कंटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट” के विमोचन के दौरान चिदंबरम ने कहा, “मृत्युंजय सिंह यादव गठबंधन के उज्ज्वल भविष्य की बात करते हैं, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। क्या गठबंधन अभी भी बरकरार है? यह सवाल सलमान खुर्शीद से पूछें, जो वार्ता टीम का हिस्सा थे।” उन्होंने उम्मीद जताई कि गठबंधन फिर से एकजुट हो सकता है, लेकिन यह कमजोर दिख रहा है।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर लिखा, “राहुल गांधी के करीबी चिदंबरम भी मानते हैं कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का कोई भविष्य नहीं। बीजेपी एक दुर्जेय संगठन है, जो लगातार मजबूत हो रहा है।” बीजेपी ने इसे कांग्रेस की आंतरिक कलह और नेतृत्व की नाकामी का प्रतीक बताया।
गठबंधन की चुनौतियां
2024 लोकसभा चुनाव के लिए बना इंडिया गठबंधन टीएमसी, आप और सपा जैसे दलों के बीच समन्वय की कमी और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के कारण कमजोर पड़ा है। चिदंबरम का बयान इस अनिश्चितता को और उजागर करता है, खासकर जब बिहार और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
कांग्रेस पर दबाव
चिदंबरम की टिप्पणी ने कांग्रेस की रणनीति और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। 2024 में 99 सीटें जीतने के बाद भी पार्टी आलोचना झेल रही है। बिहार में “शिक्षा न्याय संवाद” जैसे अभियानों के बावजूद, वरिष्ठ नेताओं के ऐसे बयान पार्टी की एकता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी ने चिदंबरम के बयान को विपक्ष की कमजोरी उजागर करने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया। पार्टी का दावा है कि गठबंधन की अंदरूनी कलह उसे 2029 के लोकसभा चुनाव में और मजबूत करेगी। भंडारी ने कहा, “जब कांग्रेस के अपने नेता गठबंधन पर भरोसा नहीं करते, तो जनता क्यों करे?”