जालंधर में ISI जासूस मोहम्मद मुर्तजा अली गिरफ्तार,

जालंधर: पंजाब के जालंधर में गुजरात और जालंधर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद मुर्तजा अली को गिरफ्तार किया गया है। उसे भार्गव कैंप थाना क्षेत्र के अवतार नगर से पकड़ा गया, जहां वह गांधी नगर में किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से चार मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड बरामद किए हैं।

जासूसी का खुलासा

प्रारंभिक जांच में पता चला कि मोहम्मद मुर्तजा अली भारतीय समाचार चैनलों की खबरें और अन्य संवेदनशील जानकारियां ISI को भेज रहा था। भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के दौरान, जब पाकिस्तान में भारतीय समाचार चैनल और वेबसाइट बंद थे, अली ने भारतीय चैनलों की खबरों को एकत्र कर एक स्वयं-निर्मित मोबाइल ऐप के जरिए ISI को पहुंचाया। इस ऐप में वह खबरें अपलोड करता था और इसका एक्सेस पाकिस्तानी हैंडलर्स को प्रदान करता था।

ऐप के जरिए जासूसी

पुलिस के अनुसार, अली ने इस ऐप के लिए पाकिस्तान से मोटी रकम की मांग की थी। वह नियमित रूप से भारतीय चैनलों की खबरें सुनता और महत्वपूर्ण जानकारियां, जैसे भारत के आंतरिक हालात और अन्य रणनीतिक सूचनाएं, ISI को भेजता था। इस ऐप के जरिए ISI भारत के हालात पर नजर रख रही थी, खासकर ऑपरेशन सिंदूर और हाल के तनाव के दौरान।

गिरफ्तारी और जांच

गुजरात पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि मोहम्मद मुर्तजा अली जालंधर में छिपकर जासूसी कर रहा है। इसके बाद जालंधर कमिश्नरेट पुलिस के थाना भार्गव कैंप की मदद से अवतार नगर में छापेमारी की गई। गिरफ्तारी के बाद अली को गुजरात पुलिस अपने साथ ले गई। उसके मोबाइल फोनों और सिम कार्ड की फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है ताकि उसके नेटवर्क और अन्य संदिग्धों का पता लगाया जा सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल

यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हाल ही में मलेरकोटला में दो अन्य ISI जासूसों की गिरफ्तारी के बाद यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने कहा, “यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सफलता है। हम ऐसे जासूसी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

आगे की कार्रवाई

मोहम्मद मुर्तजा अली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस यह जांच कर रही है कि अली का कोई स्थानीय सहयोगी तो नहीं था और उसने किन-किन जानकारियों को ISI तक पहुंचाया। इस घटना ने पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत पर जोर दिया है।

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