नई दिल्ली: भारत का माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल 2025 में 12.6% की साल-दर-साल वृद्धि के साथ 2,36,716 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले साल अप्रैल के 2,10,267 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को पार करता है। मार्च 2025 में संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये था।
घरेलू और आयात राजस्व में उछाल
घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 10.7% बढ़कर लगभग 1.9 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि आयातित वस्तुओं से राजस्व 20.8% की वृद्धि के साथ 46,913 करोड़ रुपये हो गया। अप्रैल में रिफंड 48.3% बढ़कर 27,341 करोड़ रुपये रहा। रिफंड समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह 9.1% बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
आर्थिक मजबूती का संकेत
केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा, “यह सर्वकालिक उच्च संग्रह मजबूत आर्थिक गतिविधियों का संकेतक है। साल के अंत में सुलह प्रक्रिया के कारण व्यवसायों द्वारा अतिरिक्त कर भुगतान भी इसमें योगदान देता है।” यह वृद्धि भारत की आर्थिक रिकवरी और विकास को दर्शाती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्रालय ने इस उपलब्धि को बेहतर कर अनुपालन और डिजिटल बुनियादी ढांचे का परिणाम बताया। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी प्रणाली में सुधार और व्यवसायों की सक्रियता से संग्रह में और इजाफा हो सकता है।
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