लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के मदरसों में सुधार की वकालत करते हुए कहा कि वे केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित न रहें। शुक्रवार को मदरसा शिक्षा की समीक्षा बैठक में सीएम ने आधुनिक और रोजगार-उन्मुख पाठ्यक्रम की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मदरसा छात्रों को आधुनिक शिक्षा का पूरा दायरा मिलना चाहिए ताकि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।”
सीएम ने अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठन का प्रस्ताव दिया, जिसमें शिक्षा, वित्त, कानून और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विशेष सचिव शामिल होंगे। यह समिति शिक्षकों की नौकरी सुरक्षा, मदरसों के सुचारू संचालन और छात्रों के भविष्य के लिए सुधारों की सिफारिश करेगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम अपडेट करने और शिक्षक चयन में पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया।
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बैठक में बताया गया कि यूपी में 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें 12.35 लाख छात्र पढ़ते हैं। इनमें 561 सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में 2.31 लाख छात्र और 9,889 शिक्षक हैं। अगस्त 2017 में शुरू हुए मदरसा पोर्टल ने ऑनलाइन परीक्षा और सत्यापन जैसी सुविधाओं से पारदर्शिता बढ़ाई है। हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों की संख्या में कमी चिंता का विषय है।