रांची/नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच झारखंड के मंत्री और झामुमो नेता हफीजुल हसन के बयान ने एक नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। मंत्री ने शुक्रवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर मुसलमानों को उकसाया गया तो वे सड़कों पर उतरेंगे और हिंसा हो सकती है। उन्होंने कहा,
“मुसलमान धैर्य दिखा रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें परेशान किया गया तो अराजकता फैल सकती है।”
भाजपा ने बताया ‘सीरियल अपराधी
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने हसन को “सीरियल अपराधी” करार देते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को मंत्रिमंडल में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा,
“जो व्यक्ति खुलेआम कहता है कि शरिया संविधान से ऊपर है और हिंसा की धमकी देता है, वह देश के संविधान का रक्षक नहीं, विध्वंसक है।”
शरीयत हमारे लिए संविधान से ऊपर
गौरतलब है कि मंत्री हसन पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था:
“शरीयत हमारे लिए बड़ी है। कुरान हमारे दिल में है और संविधान हमारे हाथ में है।”
इस बयान पर भी विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला था।
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भाजपा ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर लगाए आरोप
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ कानून के नाम पर पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा भड़की है। मुर्शिदाबाद और भांगर जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन हिंसक हो गए, जहां पुलिस से झड़प, वाहनों को जलाने और कम से कम तीन लोगों की मौत की खबर सामने आई है।
धार्मिक भावना बनाम कानून की चुनौती
इस पूरे विवाद ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर देश की राजनीति को और गर्मा दिया है। जहां एक ओर अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ नेता इसे धर्म से जुड़ा मसला मानते हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इसे संवैधानिक मूल्यों पर खतरा मान रहे हैं।