हैपेटाइटिस बी: कारण, बचाव और इलाज

परिचय:
हैपेटाइटिस बी एक गंभीर लिवर संक्रमण है जो हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होता है। यह रोग लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और समय रहते इलाज न होने पर सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।

कैसे होता है हेपेटाइटिस बी:
हैपेटाइटिस बी खून, वीर्य और शरीर के अन्य तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके मुख्य संक्रमण स्रोतों में शामिल हैं:

  1. असुरक्षित यौन संबंध
  2. संक्रमित सुई या ब्लेड का उपयोग
  3. संक्रमित माँ से जन्म के समय बच्चे को
  4. संक्रमित खून का चढ़ाना

लक्षण:

  • थकान और कमजोरी
  • बुखार
  • भूख न लगना
  • पेट दर्द
  • गहरे रंग का पेशाब
  • आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)

यह भी पढ़ेंः महिलाओं में ल्यूकोरिया: कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार

बचाव:

  1. टीकाकरण (Vaccination): हेपेटाइटिस बी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है टीका लगवाना। यह बचपन में ही तीन डोज़ में दिया जाता है।
  2. असुरक्षित यौन संबंध से बचें और सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं।
  3. ब्लेड, टूथब्रश, सुई आदि साझा न करें।
  4. रक्त चढ़ाते समय प्रमाणित और जांचा हुआ खून ही इस्तेमाल करें।

यह भी पढ़ेंः Liver : कार्य, समस्याएं और इसे स्वस्थ रखने के उपाय

इलाज:
हेपेटाइटिस बी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

  • तीव्र संक्रमण (Acute) सामान्यतः बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाता है।
  • दीर्घकालिक संक्रमण (Chronic) के लिए एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं जैसे टेनोफोविर और एन्टेकाविर।
  • नियमित लिवर फंक्शन टेस्ट और डॉक्टर की निगरानी आवश्यक होती है।

निष्कर्ष:
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। सही जानकारी, सावधानी और समय पर वैक्सीनेशन से इससे बचाव संभव है। यदि लक्षण नजर आएं तो तुरंत जांच कराएं और चिकित्सकीय सलाह लें।

Share in Your Feed

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *