श्योपुर, मध्य प्रदेश: 5 अप्रैल, 2025 को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई। कुनो नेशनल पार्क के बाहर घूम रहे चीतों के एक झुंड ने कुछ समय पहले 6 बकरियों का शिकार किया था। इसके बाद, गर्मी से बेहाल इन चीतों की प्यास बुझाने के लिए ग्राम डांग के ग्रामीणों ने न सिर्फ हिम्मत दिखाई, बल्कि उनके सामने जाकर पानी पिलाया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के जरिए सामने आई है, जिसमें चीते शांति से ग्रामीणों के पास बैठकर पानी पीते नजर आ रहे हैं।
शिकार के बाद छांव में आराम करते चीते
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को चीतों ने मवेशियों और बकरियों का शिकार किया था। इसके बाद वे छांव में आराम कर रहे थे। कुनो अभ्यारण्य से बाहर कई दिनों से भटक रहे ये चीते स्थानीय लोगों के लिए कौतूहल का विषय बने हुए हैं। शिकार के बाद थके हुए चीतों को देखकर एक ग्रामीण ने पानी का बर्तन उनके पास ले जाकर रखा, जिसे चीतों ने बिना किसी आक्रामकता के पी लिया। यह दृश्य ग्रामीणों की नन्हादुरी और चीतों के साथ उनके अनोखे रिश्ते को दर्शाता है।
कुनो परियोजना और चीतों की गतिविधि
कुनो नेशनल पार्क में चीतों को फिर से बसाने की भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों को यहां स्थानांतरित किया गया। हालांकि, कई चीते अभ्यारण्य की सीमा से बाहर निकलकर आसपास के गांवों में पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों के बीच उत्सुकता और सतर्कता दोनों बढ़ गई है। इस घटना ने वन्यजीव और इंसानों के बीच सह-अस्तित्व की एक मिसाल पेश की है।
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ग्रामीणों की बहादुरी की सराहना
अधिकारियों ने कहा कि चीतों का व्यवहार सामान्य है और वे आमतौर पर इंसानों पर हमला नहीं करते, जब तक कि उन्हें खतरा न महसूस हो। इस घटना ने न केवल ग्रामीणों की नन्हादुरी को उजागर किया, बल्कि वन्यजीव संरक्षण में स्थानीय समुदाय की भूमिका को भी रेखांकित किया। यह खबर तेजी से फैल रही है और लोग इसे मानवता और प्रकृति के बीच संतुलन का एक शानदार उदाहरण मान रहे हैं।