नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर लोकसभा में तीखी बहस देखने को मिली, जहाँ सरकार और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक को न्यायालय के आदेशों के अनुपालन और पारदर्शिता के लिए आवश्यक बताया, जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे संविधान पर हमला करार दिया।
सरकार का पक्ष:
विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि, “वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन एक धर्मनिरपेक्ष कार्य है और इस कानून का उद्देश्य सिर्फ पारदर्शिता लाना है। न्यायालय के फैसलों को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।” उन्होंने इस विधेयक को किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि संपत्तियों के दुरुपयोग और अवैध कब्जों को रोकने के लिए आवश्यक बताया।
विपक्ष का हमला:
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “भाजपा सरकार इस विधेयक के जरिए देश में एक समुदाय को निशाना बना रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और यह संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है।
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लोकसभा में हंगामा, मतदान के बाद पारित हुआ विधेयक
विधेयक पर बहस के दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, लेकिन सरकार ने बहुमत के आधार पर इसे लोकसभा में पारित करा लिया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताते हुए कड़ा विरोध किया।
अगले कदम:
अब विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहाँ इसे लेकर एक और बड़ा राजनीतिक संघर्ष देखने को मिल सकता है। विपक्ष ने इस विधेयक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के संकेत दिए हैं और कहा कि वे इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।