नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में सोमवार को जोरदार बहस हुई। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में विधेयक पेश करते हुए इसके प्रावधानों को सूचीबद्ध किया और इसे पारदर्शिता व न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने
इस दौरान लोकसभा में शिवसेना के दो धड़ों—एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच तीखी बहस हो गई। उद्धव गुट के सांसदों ने बिल के प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया, जबकि शिंदे गुट ने भाजपा के समर्थन में खड़े होते हुए इसे एक ऐतिहासिक सुधार बताया।
विपक्ष का विरोध, सरकार का बचाव
कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे जल्दबाजी में लाया गया कदम करार दिया। वहीं, सरकार ने साफ किया कि यह विधेयक देश में वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।
यह भी पढ़ेंः वक्फ बिल पर मोदी सरकार 3.0 का बड़ा दांव: 370 हटाने जैसा वैचारिक प्रोजेक्ट ?
लोकसभा में गरमागरम बहस जारी
सदन में कई बार हंगामे की स्थिति बनी, जिससे स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा। बहस अभी भी जारी है, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह विधेयक संसद में बड़ा मुद्दा बना रहेगा।