नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) को लेकर भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, इस शुल्क के बाद भारत से अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में 3 से 3.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने के लिए भारत के पास मजबूत रणनीति मौजूद है।
एसबीआई रिसर्च का कहना है कि भारत ने हाल के वर्षों में विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में निर्यात लक्ष्यों को उच्च स्तर पर रखा है और अपने निर्यात कोष में विविधता भी लाई है। ऐसे में, पारस्परिक शुल्क से होने वाले नुकसान को दूसरे बाजारों में निर्यात बढ़ाकर संतुलित किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत नई मुक्त व्यापार नीतियों (FTA), उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (PLI) और वैश्विक बाजारों में बढ़ते व्यापार संबंधों के जरिए अमेरिकी शुल्क से होने वाले नुकसान को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के निर्यात में विविधता और व्यापारिक संबंधों में मजबूती के चलते यह नया शुल्क भारतीय अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं डालेगा और भारत वैश्विक व्यापार संतुलन बनाए रखने में सफल रहेगा।