नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी, लेकिन कमेटी के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार, मई 2025 के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह तक गठन संभव है। देरी से 1 जनवरी 2026 से लागू होने की समयसीमा प्रभावित हो सकती है। यह आयोग 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी लाएगा।
7वां वेतन आयोग का समापन
7वां वेतन आयोग, जो 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ, 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। इसने न्यूनतम बेसिक सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया था। कर्मचारी और पेंशनभोगी अब 8वें वेतन आयोग से उल्लेखनीय वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
सैलरी और पेंशन में कितनी वृद्धि?
8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन वृद्धि की सिफारिश करेगा। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.92 हो, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये होगी। वहीं, 2.86 फिटमेंट फैक्टर पर यह 51,480 रुपये तक पहुंच सकती है। पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
महंगाई भत्ता (DA) का मर्ज
वर्तमान में महंगाई भत्ता 55% है, जो मार्च 2025 में 2% बढ़ोतरी के साथ लागू हुआ। जुलाई 2025 में 4% की वृद्धि से DA 59% हो सकता है। 8वें वेतन आयोग में DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर शून्य करने की संभावना है, जैसा कि 6वें और 7वें आयोग में हुआ। इससे HRA, TA और अन्य भत्तों में भी समायोजन होगा।
गठन प्रक्रिया और चुनौतियां
वित्त मंत्रालय ने 17 अप्रैल 2025 को आयोग के लिए 35 डेप्युटेशन आधारित पदों की घोषणा की। लेकिन सिफारिशें तैयार करने में 18-24 महीने लग सकते हैं, जिससे लागू होने में देरी हो सकती है। कर्मचारी संगठन DA गणना के लिए नए CPI-IW आधारित फॉर्मूले और NPS सुधारों की मांग कर रहे हैं।
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