8वां वेतन आयोग: केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी संभव!

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों की मासिक सैलरी में 14,000 से 19,000 रुपये तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह वेतन वृद्धि उनके मौजूदा औसत कर-पूर्व वेतन 1 लाख रुपये का 14-19% हो सकती है।

2026-27 में लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग का गठन अप्रैल 2025 में किया जा सकता है और इसकी सिफारिशें 2026 या 2027 में लागू होने की संभावना है। इससे 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा।

वेतन वृद्धि के संभावित परिदृश्य

गोल्डमैन सैक्स ने वेतन वृद्धि के लिए तीन संभावित परिदृश्य प्रस्तुत किए हैं:

  1. 1.75 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन पर – प्रति माह 14,600 रुपये की बढ़ोतरी
  2. 2 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन पर – प्रति माह 16,700 रुपये की बढ़ोतरी
  3. 2.25 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन पर – प्रति माह 18,800 रुपये की बढ़ोतरी

फिटमेंट फैक्टर पर बड़ा बदलाव संभव

नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) की मांग के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.57 या उससे अधिक रखा जाना चाहिए। यदि यह मांग पूरी होती है, तो सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 46,260 रुपये हो सकता है। साथ ही, न्यूनतम पेंशन भी 9,000 रुपये से बढ़कर 23,130 रुपये हो सकती है।

हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने कहा है कि 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग पूरी होना मुश्किल है और 1.92 के फिटमेंट फैक्टर की संभावना अधिक है। यदि यह लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा।

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सरकार की रणनीति और संभावित असर

पिछले 7वें वेतन आयोग में सरकार ने वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए 1.02 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। अगर 8वें वेतन आयोग में प्रस्तावित 2 लाख करोड़ रुपये तक का आवंटन होता है, तो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधे तौर पर बड़ी राहत मिलेगी।

निष्कर्ष

8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों को बड़ी आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, अंतिम वेतन वृद्धि का निर्धारण आयोग की रिपोर्ट और सरकार के बजट प्रावधानों पर निर्भर करेगा। आयोग की सिफारिशों को लागू करने से सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।

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