देहरादून: यूसीसी (समान नागरिक संहिता) के लागू होने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, “समान नागरिक संहिता भेदभाव को समाप्त करने के लिए एक संवैधानिक उपाय है।
इसके माध्यम से सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से सही मायने में महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा। इसके माध्यम से हलाला, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुरीतियों पर पूरी तरह रोक लग सकेगी।
हमने संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत उल्लिखित अपनी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है ताकि उन जनजातियों और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके…आज के इस अवसर पर मैं पुनः स्पष्ट करना चाहूंगा कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या संप्रदाय के खिलाफ नहीं है, किसी को निशाना बनाने का सवाल ही नहीं उठता।
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